महाराष्ट्र चुनाव से पहले 4 बैठकों में 150 फैसले, इस रफ्तार से तो चैट GPT भी शरमा जाए

Maharahstra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के करीब आते ही भाजपा-शिंदे सेना-अजित पवार एनसीपी गठबंधन ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने पिछली चार बैठकों में 150 से अधिक फैसले पारित किए हैं. इस

4 1 7
Read Time5 Minute, 17 Second

Maharahstra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के करीब आते ही भाजपा-शिंदे सेना-अजित पवार एनसीपी गठबंधन ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने पिछली चार बैठकों में 150 से अधिक फैसले पारित किए हैं. इसकी गति इतनी तेज है कि चैट जीपीटी भी शर्मसार हो जाएगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार हर सामाजिक या आर्थिक समस्या के लिए वादे या सरकारी रकम के वितरण को ही सबसे बेहतर समाधान मान रही है.

महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठकों में पारित कई प्रस्तावों की लिस्ट से हैरानी

टाइम्स ऑफ इंडिया में जयदीप हार्डिकर ने एक लेख में महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठकों में पारित कई प्रस्तावों की लिस्ट गिनाई है. इनमें गौपालकों को सहायता के रूप में प्रति गाय 50 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं. बूढ़ी महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, गरीब महिलाओं के लिए रसोई के बर्तन और साड़ियां, निर्माण मजदूरों के लिए किट, मदरसा शिक्षकों के लिए वेतन वृद्धि, राजनेताओं के स्वामित्व वाले या उनके द्वारा संचालित ट्रस्टों के लिए भूखंड का आवंटन, गाय को 'राजमाता-गौमाता' घोषित करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाएं, धारावी परियोजना के लिए अडानी समूह को जमीन और राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए निगम बनाने जैसे कई लोकलुभावन वादे और योजनाएं शामिल हैं.

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में 5 सितंबर से धड़ाधड़ सैकड़ों बड़े फैसले

महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में 5 सितंबर को 13 फैसले किए थे. इसके बाद 23 सितंबर को 23 फैसले, 30 सितंबर को 40 फैसले, 4 अक्टूबर को 32 फैसले और 10 अक्टूबर को 38 फैसले पारिसत किए गए. महाराष्ट्र में शिंदे सरकार को चुनाव के चलते बहुत जल्दी में माना जा रहा है. चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र कैबिनेट के धड़ाधड़ फैसले को देखकर राजनीतिक जगत में 'महायुति के खेवनहार फडणवीस, शिंदे और पवार' जैसे नारे भी गढ़े जाने लगे हैं. हालांकि, इस बीच महाराष्ट्र में हुई सांप्रदायिक घटनाओं को भी चुनाव से जोड़कर देखे जाने की चर्चा होने लगी है. हिंदू और मुस्लिम दोनों के ही प्रमुख संगठनों और सियासी पार्टियों की और से बड़ी सभाएं और रैलियों पर पूरे देश की नजर है.

चुनाव से पहले ऐसे कदम नए नहीं, फैसले की बड़ी संख्या पर मचा हंगामा

इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों का दावा है कि चुनाव से पहले ऐसे कदम नए नहीं हैं. महाराष्ट्र से पहले कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड समेत कई राज्यों में ऐसी कवायदें की जा चुकी हैं. दूसरी ओर, महायुति में शामिल दलों की ओर से भी इस साल चुनाव से पहले लिए गए फैसलों की बहुत ज्यादा संख्या का बचाव किया जा रहा है. इसे विधानसभा चुनाव में होने वाले करीबी मुकाबले से जोड़कर लाजिमी भी बताया जा रहा है. हालांकि, शिंदे सरकार के फैसलों की हड़बड़ाहट ने विपक्ष को राज्य सरकार पर निशाना साधने का एक बड़ा मौका भी दे दिया है.

नॉन-क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा बढ़ाने के फैसले पर विपक्ष के सवाल

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बीते गुरुवार को केंद्र सरकार से नॉन-क्रीमी लेयर के लिए आमदनी की ऊपरी सीमा को मौजूदा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये सालाना करने का अनुरोध करने का निर्णय लिया था. शिवसेना यूबीटी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने इस पर निशाना साधते हुए कहा कि नॉन क्रीमी लेयर की आय सीमा के बारे में शिंदे सरकार को अब याद आया. अगर ईमानदारी से ओबीसी वर्ग को फायदा पहुंचाना होता तो यही फैसला दो साल पहले लिया जाता.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव कब होंगे? आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में तारीख बताएगा चुनाव आयोग

शिंदे सरकार के कई फैसले पर गठबंधन के दलों और संगठनों का विरोध

महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के मदरसा शिक्षकों का वेतन 6 हजार से 16 हजार करने की घोषणा का भी विरोध तेज हो गया है. भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इसके बचाव में कहा कि हम शिक्षा और स्वास्थ्य को सेकुलर सरोकार मानते हैं. लेकिन, राज्य में हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध करना बंद नहीं किया. वहीं, अडानी के धारावी प्रोजेक्ट में जमीन आवंटन के फैसले को विरोधाभासी बताते हुए बड़ी तादाद में आदिवासी संगठनों ने नोटिस दिए जाने की तैयारी के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वहीं, महायुति सरकार के साथी दलों के विधायकों ने भी इसके विरोध में आवाज उठाई है.

ये भी पढ़ें - महाराष्ट्र में चुनाव ऐलान से पहले BJP ने सुलझाई सबसे बड़ी गुत्थी, गठबंधन को लेकर आया ये अपडेट

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Citadel Honey Bunny के ट्रेलर में वरुण-समांथा का जबरदस्त एक्शन, इस दिन होगी रिलीज

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now